जंगल बुक पार्ट 3

बलदेव और भूत

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

बलदेव बता रहा था कि जिस बाघ ने मेसुआ के बेटे को चुराया था वह दरअसल में एक भूत था। उस बाघ के शरीर में उस धूर्त सूदखोर का भूत रहता था जो कुछ सालों पहले ही मरा था।

मैं दावे के साथ यह कह सकता हूँ। याद करो, पूरन दास किस तरह लंगड़ा कर चलता था। एक बार एक दंगे के समय कुछ लोगों ने मार मारकर उसकी टांगें तोड़ दी थी। जिस बाध ने उस बच्चे को चुराया था वह भी लंगड़ा कर चलता था। मैंने उसके पैरों के निशाने देखे थे, जिनके आधार पर मैं यह कह सकता हूँ। है ना कमाल की बात।


Jungle Scene

इस पर वहाँ बैठे बुजुर्ग सहमति में सिर हिलाते थे, सही कहा, बिलकुल सही।

क्या बेकार की बातें करते हैं ये लोग। वह बाघ तो लंगड़ा ही पैदा हुआ था इसलिए लंगड़ा कर चलता है। एक ऐसा सूदखोर जो किसी गीदड़ की तरह डरपोक रहा हो, उसका भूत बाघ में, ये सब बचकानी बाते हैं। मोगली ने कहा।

ऐरा सुनकर बलदेव तो एक पल के लिये अवाक हो गया। तभी मुखिया ने मोगली को घूर कर देखा।

बलदेव बोला, अच्छा! तो यही है वह जंगली बच्चा। यदि तुम वाकई इतने अकलमंद हो तो उसकी खाल लेकर कन्हाईबाड़ा चले जाओ। सरकार ने उसपर सौ रुपए का इनाम रखा है। अच्छा यही होगा कि जब बड़े बुजुर्ग बात कर रहे हों तो बीच में न बोला करो।

मोगली उठकर वहाँ से जाने लगा। जाते-जाते वह पीछे मुड़कर बोला, शाम से ही मैं तुम्हारी बातें सुन रहा हूँ। अरे जंगल तो तुम्हारे इतने नजदीक है। फिर भी बलदेव ने एक या दो बार को छोड़कर जंगल के बारे में एक भी सच नहीं बोला है। मैं कैसे मान लूँ कि जिन भूत प्रेतों के बारे में वह बातें कर रहा है वे वाकई में होते हैं?

इसपर मुखिया ने कहा, इसने तो हद ही पार कर दी। इसे पूरी तरह से चरवाही के काम में लगाना जरूरी हो गया है। इस बीच बलदेव मोगली की धृष्टता पर नाक भौं सिकोड़ रहा था।

भारत के अधिकाँश गाँवों में यह एक परंपरा सी है कि कुछ लड़कों को सुबह सुबह गाय और भैंसें चराने के लिये भेज दिया जाता है। ये वही मवेशी होते हैं जो किसी गोरे को देखते ही उसे कुचलने के लिए दौड़ पड़ते हैं। लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि जो बच्चे उनकी नाक तक नहीं आ पाते उनसे ये मवेशी पूरी तरह नियंत्रण में रहते हैं।