जंगल बुक पार्ट 2

बंदरों की धुनाई

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

इस बीच बलू बंदरों की धुनाई कर रहा था और कुछ बंदर बघीरा को घेरे चिल्ला रहे थे। मांग नाम का चमगादड़ तेजी से उड़कर जंगल में इस अनोखी लड़ाई का समाचार पहुँचा रहा था। यह सुनकर हाथी भी खुशी से झूम उठे और चिंघाड़ने लगे। कहीं दूर से, बंदरों के कुछ छोटे-छोटे दल अपने साथियों की मदद के लिए उस खंडहर की ओर आने लगे। वहाँ पर इतना कोलाहल मच चुका था कि दिन में घूमने वाली चिड़िया भी जाग गई थीं।


Jungle Scene

अब का भी लड़ाई में शामिल हो गया। अजगर की असली ताकत मिलती है उस सीधे प्रहार में जो वह अपने भोथड़े सिर से करता है। इस प्रहार में वह अपने पूरे शरीर का वजन झोंक देता है। का के सिर का प्रहार ठीक उसी तरह पड़ता है जैसे कोई सौ टन का हथौड़ा पड़ रहा हो, या कोई भारी मूसल, या फिर तोप का भारी गोला। यदि एक चार पाँच फीट का अजगर भी एक वयस्क इंसान पर प्रहार करे तो उसे आसानी से गिरा सकता है। का तो तीस फीट का था। आप आसानी से सोच सकते हैं कि का के एक एक वार का बंदर पर क्या असर हो रहा होगा। उसने पहला वार उन बंदरों पर किया जो बलू को घेरे हुए थे। बंदरों का दिमाग सन्न रह गया और वे खामोश रह गए। फिर का को दूसरा वार करने की जरूरत ही नहीं पड़ी। बंदर चिल्लाने लगे, का आ गया! का आ गया! भागो, भागो।

बंदर अपने बच्चों को कई पीढ़ियों से का की कहानियाँ सुनाकर अपना कहा मानने को कहते थे। वे बताते थे कि किस तरह का किसी भी डाल पर इतने ही धीरे से पहुँच जाता है जितने धीरे से काई पनपती है और बलिष्ठ से बलिष्ठ बंदर को हड़प लेता है। का अक्सर एक निर्जान डाल की तरह दिखता है जिससे सबसे चतुर बंदर भी धोखा खा जाता है और का की गिरफ्त में आ जाता है। बंदर अगर पूरे जंगल में किसी से डरते थे तो वह का ही था। किसी को भी उसकी अकूत ताकत का अंदाजा नहीं था। कोई भी का से नजरें नहीं मिला पाता था। आज तक कोई भी ऐसा बंदर नहीं था जो का की गिरफ्त से जिंदा लौटा हो। इसलिए का को देखते ही बंदर वहाँ से भागने लगे। उन्हें भागते देखकर बलू ने राहत की साँस ली। बलू की चमड़ी बघीरा की चमड़ी से अधिक मोटी थी लेकिन फिर भी वह बुरी तरह घायल हो गया था। फिर का ने अपना मुँह खोला और एक जोर की फुफकार मारी। ऐसा देखकर बंदर जहाँ थे वहीं ठिठक गये और डर के मारे सिकुड़ कर बैठ गए। उनके वजन से एक डाल भी टूट गई। दीवारों और खाली घरों पर चढ़े हुए बंदरों में सन्नाटा छा गया। इस सन्नाटे में मोगली को बघीरा द्वारा अपने शरीर से पानी झाड़ने की आवाज सुनाई दी। बघीरा अब उस टैंक से बाहर आ गया था। बंदरों का कोलाहल फिर से शुरु हो गया। वे दीवारों पर और ऊँचे चले गये थे। कुछ बंदर मूर्तियों की गर्दन पकड़ कर लटके हुए थे। कुछ बंदर चिल्लाते हुए बुर्जों से होकर भाग रहे थे। मोगली उस बैठक घर में नाच रहा था। उसने उसके दीवार की जाली में से बाहर देखा और अपना मुँह एक खास अंदाज में निकालकर उल्लू की तरह सीटी बजाने लगा; जैसे वह उन बंदरों का मजाक उड़ा रहा हो।