जंगल बुक पार्ट 2

का के कारनामे

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

इस भाग में जिन घटनाओं का जिक्र है वे उससे पहले की हैं जब मोगली को सियोनी के भेड़ियों के झुण्ड से निकाला गया या जब उसने शेर खान से बदला लिया था। यह उन दिनों की बात है जब बलू उसे जंगल के कायदे कानून सिखा रहा था। उस बूढ़े भालू को भी मोगली जैसे कुषाग्र शिष्य को सिखाने में बड़ा मजा आ रहा था। युवा भेड़िये तो सिर्फ उतना ही सीखने में दिलचस्पी दिखाते हैं जितने में उनके दल का काम हो जाए। वे जैसे ही शिकार के पहले के गीत को गाना सीख जाते थे वहाँ से भाग जाते थे।


Jungle Scene

शिकार के पहले का गीत कुछ इस तरह से है,

दबे पाँव हम चलते हैं
अंधेरे में हम देखते हैं
दबी आवाज भी सुनते हैं
हमारे तेज चमकते दाँत
गीदड़ मेरे पैर की जूती

लेकिन मोगली तो इंसान का बच्चा था इसलिए उसे बहुत कुछ सीखना था। कभी-कभी बघीरा भी वहाँ आ जाता था। वह यह देखने के लिए आता था कि उसका लाड़ला कैसा कर रहा है। जब मोगली बघीरा के दिए सबक को याद कर रहा होता था तो बघीरा बड़े प्यार से उसे देखता था। वह छोटा लड़का जितनी महारत से पेड़ पर चढ़ लेता था उतनी ही महारत से तैर लेता था और दौड़ भी लेता था।

बलू जो कि जंगल के कानून का प्रोफेसर था उसे लकड़ी और पानी के नियम सिखाता था। उसने मोगली को सिखाया था कि कैसे एक मजबूत डाल और संड़ी हुई डाल में फर्क पता करे। मोगली ने ये भी सीखा था कि जब जमीन से पचास फीट की ऊँचाई पर छत्ते से शहद लेना हो तो मधुमक्खियों से कैसे बात करनी चाहिए। उसने ये भी सीखा था कि जब भरी दोपहरी में किसी डाल पर कूदते समय किसी चमगादड़ की नींद में खलल पड़ जाए तो उससे कैसे माफी मांगनी चाहिए। उसने यह भी सीखा था की पानी में छलांग लगाने से पहले पानी के साँपों को सावधान कर देना चाहिए।

जंगल का कोई भी प्राणी खलल पसंद नहीं करता और किसी खलल डालने वाले पर हमेशा आक्रमण के लिए तैयार रहता है। मोगली ने अजनबी शिकारी वाली पुकार को भी सीखा था। वैसी पुकार तब लगानी होती है जब कोई जानवर अपने इलाके से बाहर शिकार करना चाहता है और उसे उस पुकार के उत्तर का इंतजार करना होता है। इस पुकार का मतलब है, मुझे शिकार की अनुमति चाहिए क्योंकि मैं भूखा हूँ। इसका उत्तर मिलता है, तुम पेट भरने के लिए शिकार पकड़ सकते हो लेकिन मौज मस्ती के लिए नहीं।