जंगल बुक पार्ट 2

कड़क मास्टर बलू

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

इससे आपको अंदाजा लग गया होगा कि मोगली को कितना कुछ याद करना होता था। मोगली अक्सर एक ही बात को सैंकड़ो बार दोहराकर थक जाता था। लेकिन एक दिन बलू ने बघीरा से कहा था, एक इंसान का बच्चा तो इंसान का बच्चा ही है। इसे तो जंगल के हर कानून को सीखना होगा। उस दिन जब मोगली गुस्से में भाग रहा था तो बलू ने उसके हाथ पैर बाँध दिए थे।


Jungle Scene

इसपर बघीरा ने कहा था, लेकिन अभी तो वह बहुत छोटा है। तुम तो उस पर अति कर रहे हो। इतना छोटा बच्चा इतनी लंबी बातों को कैसे याद कर पाएगा। बघीरा का वश चलता तो मोगली को बिगाड़ कर रख देता।

क्या जंगल में किसी भी जीव की जान इसलिए बख्श दी जाती है कि वह बहुत छोटा हो। अरे इसलिए तो मैं उसे सबकुछ सिखा रहा हूँ। कभी कभार जब वह अपना सबक ठीक से याद नहीं करता है तो मैं तो उसे हौले से थप्पड़ भी जड़ देता हूँ।

बघीरा गुस्से में बड़बड़ाया, हौले से! अरे तुम्हारे ढ़ाई किलो के पंजे कभी हौले चल भी सकते हैं? तुम्हारे हौले से थप्पड़ ने तो आज उसका चेहरा ही बिगाड़ दिया है। बेचारा!

बलू ने बड़ी ही जिम्मेदाराना अंदाज में कहा, अनाड़ी होकर कहीं धोखा खाने से तो अच्छा है कि मेरे थप्पड़ से उसका चेहरा तो क्या पूरा शरीर बिगड़ जाए। अब मैं उसे जंगल के उस गूढ़ मंत्रों के बारे में सिखा रहा हूँ जिनसे वह चिड़ियों, साँपों और हर उस जानवर से सुरक्षित रहेगा जो चार पैरों पर चलते हैं; सिवाय उसके अपने झुण्ड के। यदि वह इन मंत्रों को याद रखेगा तो वह जंगल के हर जानवर से सुरक्षित रह पाएगा। अब इसे सीखने में दो चार थप्पड़ भी खाने पड़े तो कम है।

ठीक है, लेकिन ध्यान रहे तुम्हारे थप्पड़ों से उसकी जान न चली जाए। वह कोई पेड़ का तना नहीं है जिसपर तुम अपने नाखून पैने कर सको। लेकिन वे गूढ़ मंत्र क्या हैं? तुम ये मत सोचना कि मैं उन्हें सीखना चाहता हूँ। मैं तो केवल मदद करना चाहता हूँ। कहते कहते बघीरा ने अपना एक पंजा फैलाया और अपने गहरे नीले और छेनी से पैने नाखूनों को देखकर उनपर फिदा हुआ जा रहा था।

चलो भैया, मोगली को बुलाता हूँ और उससे ही कहलवाता हूँ। देखते हैं वह आता भी है या नहीं। बलू ने कहा।