जंगल बुक पार्ट 2

मोगली का अपहरण

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

जब मोगली की नींद खुली तो उसे लगा कि किसी ने उसके हाथ और पाँव को जोड़ से पकड़ा हुआ है। फिर उसके चेहरे पर एक झूलती हुई डाल जोर से आकर लगी। वह आँखें फाड़ कर देख रहा था। वह हवा में लटका हुआ था और नीचे जमीन पर बलू जोरों से चिल्ला रहा था। बघीरा अपनी पूरी ताकत से उस पेड़ के तने पर प्रहार कर रहा था। उसके चमकते पैने दाँत मोगली को उस ऊँचाई से भी दिख रहे थे।


Jungle Scene

बंदर लोग अपनी जीत का जश्न मना रहे थे। वे ऊपर की शाखाओं पर चले गये थे जहाँ बघीरा भी नहीं पहुँच सकता था। वे चिल्ला रहे थे, देखो बघीरा कैसे बिलबिला रहा है। अरे, जंगल के सारे जानवर हमारी चतुराई से जलते हैं।

उसके बाद वे पेड़ों से होकर अपनी उड़ान पर चल दिए। जब बंदर पेड़ों के रास्ते तेजी से आगे बढ़ते हैं तो वह नजारा अद्भुत होता है। उनके अपने रास्ते चौराहे होते हैं जो एक पेड़ से दूसरे पेड़ को जाते हैं। कुछ रास्ते ऊपर की ओर जाते हैं तो कुछ नीचे की ओर। मजे की बात है कि अधिकतर रास्ते जमीन से पचास से सौ फीट ऊपर होते हैं। जरूरत पड़ने पर बंदर लोग रात के समय भी इन रास्तों से होकर दूर-दूर तक जा सकते हैं।

उनमें से दो सबसे शक्तिशाली बंदरों ने मोगली को बाँह से पकड़ रखा था और एक डाल से दूसरी डाल पर पर छलांग लगाते थे। कई बार तो वे एक ही बार में बीस-बीस फीट तक की छलांग लगा रहे थे। यदि वे अकेले होते तो दोगुनी रफ्तार से भाग पाते लेकिन मोगली के वजन के कारण उनकी रफ्तार कम हो गई थी।

मोगली को चक्कर आ रहे थे और मितली जैसी होने लगी थी। जब उसे नीचे जमीन नजर आती थो उसकी जान उसके हलक में आ जाती। हवा में जोर-जोर से झूलने के कारण उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। दोनों बंदर उसे सबसे ऊँची डाल पर ले जाते थे। जब उसे लगता था कि डाल अब टूटने ही वाली है तो वे बंदर उसे लेकर तेजी से नीचे की ओर छलांग लगा देते। ऐसा करते हुए वे अगले पेड़ की निचली डाल को पकड़ लेते थे।

कभी-कभी उसे दूर-दूर तक जंगल की हरी-हरी छत दिखाई देती थी जैसे कि मस्तूल पर खड़े नाविक को मीलों दूर तक समंदर दिखाई देता है। फिर तेजी से पत्तियाँ उसके चेहरे से टकराती और उसका पूरा शरीर बड़ी तेजी जमीन की ओर जाने लगता। इस तरह से बंदर लोग चिल्लाते हुए और किलकारियाँ मारते हुए अपने कैदी को लेकर तेजी से पेड़ों के रास्ते आगे बढ़ते जा रहे थे।