9 हिंदी स्पर्श


तुम कब जाओगे, अतिथि

शरद जोशी

NCERT Solution

Part 2

निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए

Question 4: मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।

उत्तर: लेखक को उम्मीद है कि जब पाँचवे दिन का सूर्य निकलेगा तो वह अतिथि को इस बात के लिए जागृत कर देगा कि वह अपने घर वापस चला जाए। अन्यथा उस दिन लेखक की सहनशीलता टूट जाएगी। उसके बाद लेखक को मजबूरन अतिथि से जाने के लिए कहना पड़ेगा।

Question 5: एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते।

उत्तर: लेखक मन ही मन अतिथि से कहना चाहता है कि अतिथि और मेजबान अधिक दिनों तक साथ नहीं रह सकते। भगवान भी दर्शन देने के फौरन बाद चला जाता है। गणपति की पूजा में ग्यारह दिन के बाद गणपति का विसर्जन कर दिया जाता है। इसलिए अतिथी रूपी देवता को भी अधिक दिनों तक नहीं रुकना चाहिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए:

Question 1: कौन सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: तीसरे दिन सुबह जब अतिथि ने कपड़े धुलवाने की बात की तो उसने परोक्ष रूप से यह बतला दिया कि वह इतनी आसानी से जाने वाला नहीं। यह आघात लेखक के लिए अप्रत्याशित था। उस समय लेखक की समझ में आया कि अतिथि सदैव देवता नहीं होता, बल्कि एक इंसान होता है जिसमें राक्षस के भी अंश होते हैं। वह अतिथि ऐसे राक्षस की तरह बरताव करने लगा था जिससे मेहमान को असह्य पीड़ा होने लगे।

Question 2: ‘संबंधों का संक्रमण के दौर से गुजरना’ – इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं? विस्तार से लिखिए।

उत्तर: इस पंक्ति का मतलब है कि संबंधों के अच्छे दौर समाप्त हो गये हैं और लोग किसी तरह से संबंधों को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेखक और उसके अतिथि के बीच पहले दिन तो बड़े उल्लासपूर्ण माहौल में बातचीत चलती रही। उन दोनों ने लगभग हर उस विषय पर बातचीत कर ली जिन पर बातचीत की जा सकती थी। लेखक ने अतिथि के सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ी। लेकिन जब अतिथि के प्रवास की अवधि खिंचती चली गई तो फिर लेखक उसके बोझे को ढ़ो रहा था। अब स्थिति ये हो गई थी कि मेजबान बस इस इंतजार में था कि अतिथि किसी तरह से उसका पीछा छोड़ दे।

Question 3: जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में क्या-क्या परिवर्तन आए?

उत्तर: जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में कई बदलाव आए। अब उसने अतिथि से बातचीत करना लगभग बंद कर दिया। उसकी पत्नी ने अच्छे खाने की जगह खिचड़ी परोसना शुरु कर दिया। दोनों पति पत्नी मन ही मन खिन्न हो रहे थे और भगवान से उस अतिथि के जाने की दुआ माँग रहे थे।