9 हिंदी क्षितिज


चंद्रकांत देवताले

यमराज की दिशा

माँ की ईश्वर से मुलाकात हुई या नहीं
कहना मुश्किल है
पर वह जताती थी
जैसे ईश्वर से उसकी बातचीत होती रहती है
और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार
जिंदगी जीने और दुख बर्दाश्त करने
के रास्ते खोज लेती है

बचपन में हम अपनी माँ से बहुत कुछ सीखते हैं। अक्सर इन सीखों में नैतिक शिक्षा का ज्यादा पुट रहता है। माँ अपने बच्चे को सही सीख देने के लिए दंतकथाओं का भी भरपूर उपयोग करती है। यहाँ पर कवि ने अपनी माँ द्वारा दी गयी सीख को याद किया है और ये भी बताने की कोशिश की है कि बदलते परिवेश में कभी कभी ये शिक्षाएँ अर्थहीन हो जाती हैं। कवि को इसपर भरोसा नहीं है कि भगवान हैं लेकिन इस बात पर पूरे भरोसा है कि उनकी माँ में जिंदगी की मुश्किलों का सामना करने की असीम शक्ति है।

माँ ने एक बार मुझसे कहा था
दक्षिण की तरफ पैर करके मत सोना
वह मृत्यु की दिशा है
और यमराज को क्रोधित करना
बुद्धिमानी की बात नहीं है

माँ की दी हुई एक सीख थी दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोना चाहिए, क्योंकि दक्षिण की तरफ यम का निवास होता है। यम की तरफ पैर करके सोने से यम को गुस्सा आ सकता है।

तब मैं छोटा था
और मैने यमराज के घर का पता पूछा था
उसने बताया था
तुम जहाँ भी हो वहाँ से हमेशा दक्षिण में

कवि ने बाल कौतूहल वश अपनी माँ से यमराज के घर का पता पूछा था तो उनकी माँ ने बताया था कि आप जहाँ भी हैं वहाँ से दक्षिण की ओर ही यमराज का वास होता है।

माँ की समझाइश के बाद
मैं दक्षिण में पैर करके कभी नहीं सोया
और इससे इतना फायदा जरूर हुआ
दक्षिण दिशा पहचानने में
मुझे कभी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा

कवि ने अपनी माँ की सीख की पूरी इज्जत की और कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोया। इससे और कोई लाभ हुआ हो या नहीं पर इतना जरूर हुआ कि उनका दिशा ज्ञान बहुत दुरुस्त हो गया।

मैं दक्षिण में दूर दूर तक गया
और मुझे हमेशा माँ याद आई
दक्षिण को लांघ लेना संभव नहीं था
होता छोर तक पहुँच पाना
तो यमराज का घर देख लेता

कवि ने बहुत जगह यात्रा की लेकिन उस सीमा तक नहीं पहुँच पाया जहाँ यम का घर मिल जाए।

पर आज जिधर भी पैर करके सोओ
वही दक्षिण दिशा हो जाती है
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं

आज वक्त बदल चुका है और समाज में कई बुराइयाँ घर कर चुकी हैं। कवि को लगता है अब तो हर दिशा में यमराज का घर दिखता है। बड़े बड़े सफेदपोश अपराधी अपनी विशाल अट्टालिकाओं से यमराज की भाँति अपनी दहकती आँखों से आपको घूरते से लगते हैं। कहीं भ्रष्ट पुलिस वाले के रूप में, कहीं भ्रष्ट नेता के रूप में, तो कहीं लालची डॉक्टर के रूप में ये यमराज आपको हर तरह की मौत देने को हमेशा तैयार रहते हैं।

माँ अब नहीं हैं
और यमराज की दिशा भी अब वह नहीं रही
जो माँ जानती थी

माँ की दुनिया कितनी सरल हुआ करती थी। अब माँ नहीं हैं और जमाना इतना बदल चुका है कि यमराज ने चारों दिशाओं पर अपना कब्जा जमा लिया है।