स्पर्श 10 हिंदी


तोप

वीरेन डंगवाल

NCERT अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1: विरासत में मिली चीजों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: विरासत में हमें अच्छी और बुरी दोनों तरह की चीजें मिल सकती हैं। अच्छी चीजें हमें ये बताती हैं कि हमारे पूर्वजों ने कौन से अच्छे काम किये ताकि हम उन्हें दोहरा सकें। बुरी चीजें हमें ये बताती हैं कि हमारे पूर्वजों ने क्या गलतियाँ कीं ताकि हम उन्हें फिर से न दोहराएँ।

प्रश्न 2: इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?

उत्तर: इस कविता से हमें तोप के बारे में यह पता चलता है कि वह ईस्ट इंडिया कंपनी के जमाने की है। यह एक विशाल तोप है जिसने अपने जमाने में कितने ही सूरमाओं की धज्जियाँ उड़ा दी थी। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से यह तोप हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 3: कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?

उत्तर: कंपनी बाग में रखी तोप एक अहम सीख देती है। कंपनी का बाग और कंपनी का तोप; दोनों ही अंग्रेजी राज की निशानी हैं। बाग एक अच्छी निशानी है तो तोप एक बुरी निशानी है। एक ओर तो अंग्रेजी राज से हमें आधुनिक शिक्षा और रेल मिली तो दूसरी ओर हमें गुलामी की बेड़ियाँ मिलीं। यह तथ्य बताता है कि हर चीज के दो पहलू होते हैं; एक अच्छा और एक बुरा।

प्रश्न 4: कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दोनों अवसर कौन से होंगे?

उत्तर: ये दोनों अवसर हमारे राष्ट्रीय त्योहार; स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस हो सकते हैं।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए:

प्रश्न 1: अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।

उत्तर: ये पंक्तियाँ उस तोप की वर्तमान दशा का चित्रण करती हैं। अब उस तोप से कोई नहीं डरता है। बच्चे उसे खेल का सामान मानते हैं और चिड़ियाँ उसे अपना क्लब मानती हैं। बच्चे और चिड़िया निर्बल होते हुए भी उस तोप से नहीं डरते जिसका कभी बहुत खौफ हुआ करता था।

प्रश्न 2: वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।

उत्तर: चिड़िया तोप के मुँह के भीतर घुसकर यह सिद्ध करने की कोशिश करती हैं कि अब वह बेजान लोहे के सिवा कुछ भी नहीं है। जो तोप कभी आग उगलती थी अब वह पूरी तरह से खामोश है।

प्रश्न 3: उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे अच्छे सूरमाओं के धज्जे।

उत्तर: ये पंक्तियाँ उस तोप के उत्कर्ष के दिनों का बयान करती हैं। कभी वो भी दिन हुआ करते थे जब उस तोप का इस्तेमाल लोगों की धज्जियाँ उड़ाने में किया जाता था।