पंचतंत्र

शिकारी और चार दोस्त

किसी जंगल में चार दोस्त रहते थे, एक हिरण, एक कौवा, एक कछुआ और एक चूहा। उनके दिन मजे में कट रहे थे। एक दिन, एक शिकारी ने हिरण को पकड़ने के लिए फंदा लगाया। थोड़ी ही देर में हिरण उस फंदे में फंस गया। जब अन्य दोस्तों ने हिरण की ये हालत देखी तो वे उसे छुड़ाने का उपाय सोचने लगे।

deer crow hunter

थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी योजना पर अमल करना शुरू किया। हिरण चारों खाने चित होकर लेट गया और आँखें बाहर निकाल लीं जैसे कि वह मर गया हो। कौवा हिरण की आँखों में चोंच मारने लगा, क्योंकि कौवे ऐसा मरे हुए जानवर के साथ ही करते हैं। कछुआ उस शिकारी के सामने से अपनी मंथर गति से गुजरने लगा। शिकारी ने सोचा कि हिरण तो मर ही गया है इसलिए उसके भागने की कोई आशंका नहीं है। बीच में एक कछुआ पकड़ में आ जाए तो बोनस ही होगा। जब शिकारी कछुए को पकड़ने में उलझा हुआ था, तभी चूहे ने हिरण के फंदे को काट दिया। इसके बाद हिरण फुर्ती से भागा। हिरण को भागते देख जैसे ही शिकारी का ध्यान भटका तभी कौवे ने कछुए को अपनी चोंच में उठा लिया और उड़ गया। इस तरह से सबने मिलकर हिरण की जान बचाई।

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की मिलजुलकर काम करने से बड़े काम भी आसान हो जाते हैं।