जंगल बुक पार्ट 2

घिनौने बंदर

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

उनपर फिर से पेड़ों पर से कूड़े की बरसात होने लगी। वे मोगली को लेकर वहाँ से भाग लिए। बलू ने बंदरों के बारे में जो बात कही थी वह एक कड़वा सच है। वे पेड़ों पर रहते हैं। अन्य जानवर शायद ही कभी ऊपर देखते हैं। इसलिये बंदरों का उनसे कभी-कभार ही साबका पड़ता है। लेकिन जब भी बंदरों को कोई बीमार भेड़िया या घायल बाघ मिल जाता है तो वे उसे परेशान जरूर करते हैं।


Jungle Scene

वे केवल मजा लेने के लिए किसी भी जानवर पर डंडे फेंकते हैं। इसके बाद वे चीखते हैं और ऊटपटांग गाने गाते हैं। वे अन्य जानवरों को पेड़ पर चढ़कर लड़ने की चुनौती देते हैं; यह जानते हुए भी कि ज्यादातर जानवर पेड़ों पर उनकी तरह आराम से नहीं चढ़ पाते हैं। कभी-कभी तो वे आपस में ही लड़ भिड़ लेते हैं जिसमें किसी बंदर की जान तक चली जाती है। फिर वे मरे हुए बंदर को ऐसी जगह छोड़ कर चले जाते हैं जहाँ उसे हर जानवर देख सके।

उनके पास भी एक सरदार होता तो शायद वे चैन से जी सकते थे। लेकिन उनकी छोटी सी याददाश्त के कारण वे आज की बात कल तक भी याद नहीं रख पाते। ऐसे में अकलमंद और अनुभवी सरदार की इच्छा रखना ही व्यर्थ है। “हम बंदर लोग जो आज जानते हैं, यह जंगल उसे कल ही जान पाएगा” ऐसा कहकर वे अपने आप को ढ़ाढ़स बँधाते हैं। कोई भी जानवर उन के पास नहीं पहुँच पाता है। यहाँ तक कि हर जानवर उन्हें नजरअंदाज करता है। इसलिए जब उन्होंने देखा कि मोगली वाली घटना से बलू नाराज है तो वे बड़े खुश हुए।

वे क्षणिक खुशी में विश्वास रखते हैं और कभी भी दूर की नहीं सोचते। लेकिन एक बंदर को एक जबरदस्त आइडिया आया। उसने बताया कि मोगली को अपने झुण्ड में शामिल करने से बड़ा फायदा होगा। मोगली पतली टहनियों को मिलाकर बड़ी अच्छी छत बना लेता था जिससे धूप और बारिश से बचा जा सकता था। मोगली को पकड़ कर वे छत और छतरी बनाना सीख सकते थे; ऐसा उस बंदर का सोचना था। मोगली एक लकड़हारे का बेटा था। इसलिए ये सब हुनर उसकी जीन में थे। वह तो बचपन से ही पत्तों को जोड़कर छतरियाँ बनाया करता था। बंदर लोग अक्सर पेड़ों पर से मोगली को ये सब करते देखते थे और उनकी आँखें फटी रह जाती थी। इस बार बंदरों को लग रहा था कि उनका भी एक सरदार होगा और वो भी बुद्धिमान प्राणी हो जाएँगे। शायद जंगल में सबसे अधिक बुद्धिमान। फिर अन्य जानवर उनसे जलेंगे भी और उनकी इज्जत भी करेंगे। इसलिए वे चुपचाप बलू, बघीरा और मोगली का पीछा करते रहे। आखिरकार वह समय आ गया जब तीनों कहीं पर दोपहर की नींद लेने के लिए रुके। मोगली अपने किए पर पछता रहा था और कसमें खा रहा था कि अब वह कभी भी बंदरों से नहीं मिलेगा। वह बलू और बघीरा के बीच में सो गया।