जंगल बुक पार्ट 2

का से रूबरू

हिंदी अनुवाद

अजय आनंद

का कोई जहरीला साँप नहीं था। वह तो जहरीले साँपों को कायर समझता था। उसकी शक्तिशाली पकड़ ही उसकी असली ताकत थी। एक बार यदि अजगर किसी को अपनी कुंडली में जकड़ लेता है तो उसे भगवान भी नहीं बचा सकता।

बलू वहीं पास में बैठ गया और बोला, का भाई, कैसे हो? अपने जैसे अन्य साँपों की तरह का भी थोड़ा ऊँचा सुनता था इसलिए उनकी बातों से अनजान था। वह तो बस नए तरह से कुंडली मार रहा था जैसे किसी खतरे को भाँप रहा हो। उसका सिर नीचे झुका हुआ था।


Jungle Scene

फिर का ने जवाब दिया, मैं अच्छा हूँ, तुम कैसे हो? अरे बलू, कहो कैसे आना हुआ? तुम्हारे साथ तो बघीरा भी आया है। क्या बात है! मुझे तो बहुत भूख लगी है। क्या तुमने आस पास कोई शिकार देखा है? कोई हिरण का बच्चा या फिर भेड़? मेरा पेट तो किसी सूखे कुँए की तरह खाली है।

हाँ हम भी शिकार पर ही निकले हैं बलू ने कुछ अलसाए अंदाज में जवाब दिया। वह जानता था कि अजगर इतने विशाल होते हैं कि उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं होती।

का ने कहा, क्या मैं भी तुम्हारे साथ आ सकता हूँ? तुम्हारे लिए तो एक ही झटके में शिकार पकड़ना आसान है। लेकिन मुझे तो किसी पगडंडी पर पड़े-पड़े कई दिन तक शिकार का इंतजार करना पड़ता है। कभी-कभी मुझे पेड़ों पर चढ़कर किसी बंदर का इंतजार भी करना पड़ता है। लेकिन जब मैं जवान था तब पेड़ की शाखाएँ मजबूत हुआ करती थीं पर अब उनमें वो बात नहीं रही। बेचारी कमजोर डालियाँ मेरा बोझ ही नहीं ले पातीं।

बलू ने कहा, हो सकता है तुम्हारे वजन के कारण वे टूट जाती होंगी।

अरे नहीं, मेरी लंबाई के हिसाब से मेरा वजन तो कुछ भी नहीं है। वैसे भी बहुत दिनों से मैंने कुछ भी नहीं खाया है। देखो तो कितना दुबला हो गया हूँ का ने बड़े गर्व से कहा। वह फिर आगे बोला, ये नई-नई उगने वाली लकड़ियाँ ही बड़ी कमजोर हैं। अभी कुछ दिन पहले की ही बात है, जब मैं धम्म से एक पेड़ से नीचे गिर गया था। उससे इतनी जोर की आवाज हुई के बंदर लोग जाग गये और मुझे भला बुरा कहने लगे।

बघीरा ने दबी जुबान में कहा, अबे बिना पाँव के कीड़े। वह कुछ याद करने की कोशिश कर रहा था।

क्या उन्होंने ऐसा कहा का ने पूछा।

पिछले पूरनमासी की रात को वे कुछ ऐसा ही कह रहे थे लेकिन मैं ठीक से सुन नहीं पाया। अरे वे तो कुछ भी बोल देते हैं; जैसे कि तुम्हारे सारे दाँत झड़ गये हैं और तुम तो एक मेमना भी नहीं पकड़ सकते क्योंकि तुम्हें बकरे के सींगों से बड़ा डर लगता है। तुम्हें तो पता ही है कि ये बंदर लोग कैसे होते हैं। बघीरा का को जैसे मक्खन लगा रहा था।